जिंदगी  तू बनती है सहेली 
बाहों  मैं आ कर कहे तू है मेरी 
मगर जी कर जो देखा 
निकला झूठा तेरा वादा 
निकली तू तो सौतेली ..........
मैं भी कभी खो जाता हूँ 
मंजिलों का पता भूल जाता हूँ 
थम कर मुड़ कर जो देखा 
खड़ी थी हंसती तू अकेली 
हाय रे तेरी अटखेली............
किसी के लिये तू है किस्सा
किसी को लगे तू पहेली 
हो गयी मेरी संग तू बुडिया ,
देखा जो हो कर फिर से  दीवाना,
लगी तू फिर दुल्हन नयी नवेली .........
Saturday, November 13, 2010
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